BSJAY reaches Azamgarh on its 32nd day!

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As the Yatra passes through Uttar Pradesh, we can see how the ruling BJP and the rest of the Sangh Parivar is in a frenzy, pulling all the stops to make the people think about nothing else but the inauguration of the Ram Mandir. This tactic has been theirs for decades now, and once again, with the Lok Sabha elections coming, they will raise such communal issues, divide the people and distract us. Distract us from the fact that unemployment in the country is at an unprecedented rate of 10.4%. From the fact that during “Amritkaal”, the price of gas cylinder has gone from ₹450 to ₹1,100. From the fact that “Beti Bachao” is actually a warning, to hide our daughters from the BJP’s ministers and members. On every single front, this government has failed us, it has denied our rights.

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To distract us from these real issues, they divide us in the name of religion. With their politics of Mandir-Masjid, love jihad, and bulldozer babas, they hide their failures. But we must remember what Bhagat Singh said. The poor, regardless of race, colour, religion, nation, have the same rights. This is the message that Bhagat Singh Jan Adhikar Yatra is taking to the people across the country. It is time for us to reject these divisive, false politics and unite on our real issues. With concrete demands for free, equal education and healthcare, for employment opportunities for all, for the abolishment of all indirect taxes, for the complete separation of religion from politics, we must put the rulers in the dock and claim our fundamental rights.

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The yatra today began from Balrampur of Azamgarh and passed through Harra Ki Chungi, Mukeriganj, Shibli College, Pahadpur, Takiya, Kot Mohalla, Kalichaura, Raidopur, Collectorate and culminated at Roadways.

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भगतसिंह जनअधिकार यात्रा अपने 33वें दिन आज़मगढ पहुँची!

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जैसे-जैसे यात्रा उत्तर प्रदेश से गुज़र रही है, हम यह देख रहे हैं कि किस प्रकार भाजपा और पूरा संघ परिवार जनता को राम मन्दिर के उद्घाटन जैसे मुद्दे में भरमाने के लिए उन्मादित कर रहा है। यही रणनीति तो लम्बे समय से भाजपा और संघ परिवार अपना रहा है, और अब एक बार फिर लोकसभा के चुनाव के नज़दीक आते ही इस तरह के साम्प्रदायिक मुद्दों को उछालकर और जनता को बाँटकर असल मुद्दों से उनका ध्यान भटकाया जा रहा है। इस सच्चाई से हमें भटकाया जा रहा है कि आज हमारे देश में बेरोज़गारी दर ने 10.4% के आँकड़े को छू लिया है जो कि अभूतपूर्व है, कि “अमृतकाल” के दौरान सिलेण्डर की क़ीमत ₹400 से ₹1,000 पहुँच गयी, कि “बेटी बचाओ” असल में चेतावनी थी कि बेटी बचाओ भाजपा के नेताओं से। हर मसलों पर यह सरकार विफल रही है और इसने हमारे अधिकारों को कुचला है।

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असल मुद्दों से हमारा ध्यान भटकाने के लिए फ़ासीवादी ताक़तें हमें धर्म के नाम पर बाँटने का काम करती हैं। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इनके द्वारा मन्दिर-मस्जिद, लव जिहाद और बुल्डोज़र बाबा जैसे मुद्दों की राजनीति की जाती है। लेकिन हमें भगतसिंह के सन्देश को याद रखना चाहिए। ग़रीब आबादी चाहे वह किसी भी नस्ल, रंग, धर्म या राष्ट्र की हो, उनके हित साझा हैं। यही संदेश भगतसिंह जनअधिकार यात्रा देशभर में जनता के बीच लेकर जा रही है। यही वक्त है इस नकली विभाजनकारी राजनीति को दरकिनार कर अपने असल मुद्दों पर एकजुट होने का। सभी के लिए समान व निःशुल्क शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था, रोज़गार के अवसर, अप्रत्यक्ष करों के ख़ात्मे और धर्म के राजनीति से पूर्ण विलगाव जैसे ठोस माँगों के लिए आज सत्तापक्ष मैं बैठे हुए लोगों को कटघरे में खड़ा कर अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा।

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आज की यात्रा आज़मगढ़ में बलरामपुर से शुरु हुई जो हर्रा की चुंगी, मुकेरीगंज, शिब्ली कॉलेज, पहाड़पुर, तकिया, कोट मुहल्ला, कालीचौरा, रैदोपुर, कलेक्ट्रेट होते हुए रोडवेज पर समाप्त हुई।

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भगतसिंह का है सन्देश, हिन्दू-मुस्लिम सबका देश!

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भगतसिंह ने दी आवाज़, बदलो-बदलो देश समाज!!

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